दिल्ली सरकार अविलम्ब नगर निगम फंड जारी करें - भाजपा



 







नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को तत्काल उनके बकाए वेतन देने के लिए दिल्ली सरकार से नगर निगम फंड रिलीज करने की मांग करते हुए आज दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, प्रवक्ता व सांसद मीनाक्षी लेखी ने आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर अवतार सिंह, प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी नीलकांत बक्शी, मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली को स्वच्छ रखने के लिए प्रतिदिन नगर निगम के कर्मचारी सफाई कर रहा है और अलग-अलग क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन का भी कार्य कर रहे हैं इसके अलावा क्वारंटीन सेंटर की सफाई और सैनिटाइजेशन की भी जिम्मेदारी नगर निगम कर्मचारियों ने उठाई हुई। इसके बाबत जब नगर निगम के फंड को रिलीज करने की बात आती है तो दिल्ली सरकार नगर निगम कर्मचारियों के साथ भेदभाव करना शुरू कर देती। कोरोना संकट के समय भी दिल्ली के मुख्यमंत्री ओछी राजनीति कर रहे हैं और नगर निगम का बकाया पैसा नहीं दे रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता व सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के चुनाव जीतने से पहले स्वराज की बात करते थे और कहा था कि लोकल बॉडीज को बजट का 20% देंगे लेकिन दिया कुछ भी नहीं। न तीसरा वेतन आयोग लागू नहीं होने दिया, नहीं चौथा वेतन आयोग। आर्थिक संकट के बावजूद नगर निगम कर्मचारियों ने संसाधनों के अभाव में सफाई और सैनिटाइजेशन का काम किया है जिसके लिए मैं उनको आभार प्रकट करती हूं।

सांसद लेखी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने पांचवें वेतन आयोग के 80% सिफारिश को मान्यता देने से नामंजूर कर दिया। दिल्ली में आबादी बढ़ने के साथ ही दिल्ली की जरूरत भी बढ़ी और दिल्ली को साफ और स्वच्छ रखने के लिए भी युद्ध स्तर पर काम किया गया। दिल्ली सरकार ने 2017-18 में नगर निगम को1639 करोड़ दिया, 2018-19 में इसे घटाकर 918 करोड़ कर दिया गया और 2019-20 में 741 करोड़ कर दिया। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अप्रैल 2020 तक के वेतन व भत्तों का भुगतान सभी डॉक्टर्स, पैरामेडिकल कर्मचारी और सफाई कर्मियों को कर दिया है। दिल्ली सरकार द्वारा एसडीएमसी को 1072 करोड़ का वार्षिक अनुदान देय है लेकिन इस साल दिल्ली सरकार ने एसडीएमसी को कोई भी अनुदान राशि नहीं दिया है। मई महीने के वेतन एवं भत्ते देने के लिए एसडीएमसी को 184 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने भी अप्रैल 2020 तक के वेतन एवं भत्तों का भुगतान सभी डॉक्टर, पैरामेडिकल कर्मचारियों, सफाई कर्मचारी को कर दिया है। ईडीएमसी को दिल्ली सरकार द्वारा प्रथम तिमाही में 245 करोड़ रुपए की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। ईडीएमसी ने दिल्ली सरकार से देय राशि को देने का अनुरोध किया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने जनवरी 2020 तक सभी कर्मचारियों का वेतन एवं भत्तों का भुगतान कर दिया है। डॉक्टर्स के फरवरी 2020 के वेतन एवं भत्तों का भुगतान नहीं किया गया है और यह राशि लगभग 6 करोड़ है। मार्च और अप्रैल 2020 में सफाई कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों का भुगतान कर दिया गया है लेकिन अन्य कर्मचारी जैसे कि ड्राइवर,पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, अध्यापक, डॉक्टर्स के वेतन एवं भत्तों का भुगतान नहीं किया गया है। एनडीएमसी को कोरोना ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों एवं डॉक्टरों के मई 2020 तक के वेतन एवं भत्तों का भुगतान करने के लिए 541 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। दिल्ली सरकार ने अब तक एनडीएमसी को सालाना 2146 करोड़ की अनुदान राशि में से 240 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया है।

सांसद लेखी ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार की वजह से कोरोना संकट के समय कोरोना वॉरियर्स खुद ही संकट में हैं। दिल्ली सरकार कोरोना वॉरियर्स के लिए नहीं, बल्कि कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ लड़ रही है। इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि केजरीवाल सरकार नगर निगम को खत्म करने की साजिश कर रही है। आज दिल्ली की सरकार सिर्फ जनता की कमाई के पैसों से प्रचार प्रसार पर चल रही है। हर स्तर पर केजरीवाल सरकार दिल्ली को सुरक्षित रखने में असफल रही है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली में रह रहे प्रवासी मजदूरों को केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले राशन से भी वंचित रखा। इस संकट के समय में वेतन के अभाव में नगर निगम कर्मचारी अगर अपना काम ना करें तो दिल्ली की साफ-सफाई ठप्प हो जाएगी। केजरीवाल सरकार कोरोना वॉरियर्स के लिए नहीं, बल्कि कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। हमारी दिल्ली सरकार से यही मांग है कि नगर निगम के फंड को जल्द से जल्द रिलीज करें और इसके बजट को बढ़ाएं।