इंटरनेट ने बदली जीवन शैली

(बाल मुकुन्द ओझा)


आज के युग में संचार साधनों का महत्त्व अत्यधिक बढ़ गया है। इन साधनों का हर समय उपयोग हमारी जीवन शैली बन गया है। विश्व दूरसंचार दिवस प्रत्येक वर्ष 17 मई को मनाया जाता है। आधुनिक युग में फोन, मोबाइल और इंटरनेट लोगों की प्राथमिक आवश्यकता बन गये हैं। इसके बिना जीवन जीना मुश्किल हो चुका है। आधुनिक समय में इसकी शुरुआत 1969 में हुई। तभी से पूरे विश्व में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।  
 विश्व दूरसंचार दिवस के दिन पूरी दुनिया में लोगों को मौलिक मानवाधिकारों के आधार पर एकत्रित करके समावेशी और विकास उन्मुख सूचना समाज बनाने का प्रयास किया जाता हैं। इसके साथ ही इस अवसर पर जीवन में संचार के महत्त्व को समझाने की कोशिश की जाती है। इस दिन दुनिया भर में प्रौद्योगिकियों के विकास के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाता है। यह दूरसंचार की क्रांति है, जिसकी बदौलत भारत जैसे कुछ विकासशील देशों की गिनती भी विश्व के कुछ ऐसे देशों में होती है, जिनकी अर्थव्यवस्था तेजी से रफ्तार पकड़ रही है. आज हम दूरसंचार के मामले में काफी आगे निकाल चुके हैं, थ्री जी, फोर जी टेक्नोलॉजी पर सवार हो भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है. लेकिन कहते हैं ना कि अति हर चीज कि हानिकारक होती है, उसी तर्ज पर इसके अत्यधिक इस्तेमाल ने हमारी आधुनिक पीढ़ी को पंगु बना दिया है, साथ ही गलत जगह इस्तेमाल करने से, जैसे गाड़ी चलाते समय या रोड पर करते समय मोबाइल के उपयोग से कई हादसे भी होते हैं , इस ओर भी हमे ध्यान देने की जरुरत है।  सूचना प्रौद्योगिकी के कारण ही अब हम पल भर में ही हम दुनिया के किसी भी कोने की खबर प्राप्त कर सकते हैं। निःसंदेह सूचना क्रांति मानव सभ्यता की सबसे बड़ी महत्वपूर्ण क्रांति है। विकासशील देशों में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्बन्धों में साम्राज्यवाद के बचे खुचे अवशेषों को खत्म करने के लिए एक नयी अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की मांग की थी। इस मांग के मूल में अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों का ढांचा अन्यायपूर्ण होना था। सूचना क्रांति ने परिवर्तन की इन दिशाओं को दरकिनार कर ऐसी अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था बनाई जो समाजोपयोगी है। इस क्रांति के बदौलत विकसित देश विश्व में एक ऐसी सूचना और संचार व्यवस्था बनाने में सफल रहे जो विकासशील देशों की अवधारणा के प्रतिरूप ही नहीं है बल्कि जिसने एक तरफा मुक्त प्रभाव और भी तेज कर दिया है।
विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य इंटरनेट, अन्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने की जागरूकता को बढ़ाना तथा समाज और अर्थव्यवस्था में लाना और डिजिटल विभाजन को कम करना है। आज इंटरनेट के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, अपनी विश्वसनीयता को बरकरार रखना। जिस तरह से इंटरनेट ने हमारे जीवन को सरल बनाने में अहम योगदान दिया है, उसी तरह इसने कई ऐसी समस्याएँ भी उत्पन्न कर दी हैं, जिससे कहीं न कहीं हमारा समाज दूषित हो रहा है। देखें तो आज इंटरनेट पर काम कम और इसका दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है। एक बड़ी चुनौती है साइबर अपराध, जिसकी आड़ में लोग अफवाह फैला कर देश में साइबर युद्ध जैसे हालात पैदा करने की कोशिश करते रहते हैं।