जीवन के लिए ऑक्सीजन से ज्यादा जरूरी है ओजोन

(बाल मुकुन्द ओझा)


कोरोना संक्रमण के दौरान कहीं से कोई राहत की खबर मिलती है तो निश्चय ही वह किसी खुशखबरी से कम नहीं होती। ऐसी ही एक प्रसन्नतादायक खबर ओजोन परत के छेद के बंद होने की है जिसकी पुष्टि वैज्ञानिकों ने भी करदी है। दुनिया के लिए यह वाकई किसी खुशखबरी से कम नहीं है की ओजोन परत में देखा गया अबतक का सबसे बड़ा छेद पूरी तरह से बंद हो चुका है। मार्च के मध्य में वैज्ञानिकों ने निम्न तापमान की वजह से आर्कटिक के ऊपर ओजोन परत में सबसे बड़े छिद्र का पता लगाया था। ओजोन परत सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों को धरती पर आने से रोकती है, जो त्वचा कैंसर का सबसे प्रमुख कारण हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में किए गए लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण में गिरावट इसका कारण नहीं है। बल्कि यह पोलर वोर्टेक्स की वजह से हुआ है, यह एक हाई-एल्टीट्यूड करेंट है जो सामान्यतौर पर ठंडी हवाओं को पोलर क्षेत्रों में लेकर आता है। यह छेद ऐसे समय पर बना था जब पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही थी। 
दुनिया में हर मनुष्य सुख और आनन्द का जीवन जीना चाहता है। यह प्रकृति का विधान है। मगर मानव सभ्यता के विकास के साथ साथ पृथ्वी पर विचरण करने वाले प्राणी सुख के साथ दुःख के भी शिकार हुए है। कहीं रोटी, कपडा और मकान का संकट आ खड़ा हुआ तो कहीं मानव जनित समस्याओं से खुद को जूझना पड़ रहा है। नई नई बीमारियों से रूबरू होना पड़ रहा है तो जल ,जंगल और पृथ्वी की विभिन्न समस्याओं से दो दो हाथ करने पड़ रहे है।  विभिन्न वैश्विक संस्थाओं ने इन सभी संकटों से छुटकारा दिलाने के लिए अनेक समुचित प्रबंध कर मानव को जागरूक और सचेत किया है। ऐसा ही एक ज्वलंत मसला ओजोन परत का है। ओजोन परत के बारे में सामान्यत लोग ज्यादा नहीं जानते है। ओजोन परत ओजोन अणुओं की एक परत है। ओजोन परत हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। 
 सबसे पहले यह जानना जरुरी है की यह ओजोन परत है क्या और इससे हमें किस बात का खतरा है। ओजोन ऑक्सीजन का अपर रूप होता है यानि ओजोन एक हल्के नीले रंग की गैस होती है। ओजोन  ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो कि वातावरण में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है। ओजोन परत सामान्यत धरती से 10 किलोमीटर से 50 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच पाई जाती है। जिस प्रकार छाता बारिश से हम को बचाता है वैसे ही यह ओजोन सूर्य के भीषण ताप से पृथ्वी को बचाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह पृथ्वी और पर्यावरण के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य करती है और सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी (अल्ट्रा वायलेट) किरणों से हमें बचाती है। ओजोन परत, गैस की एक नाजुक ढाल है। पृथ्वी को सूर्य की किरणों के हानिकारक प्रभाव से बचाकर  हमारे जीवन को संरक्षित रखने में हमारी मदद करती है। बिना ओजोन परत के हम जिंदा नहीं रह सकते क्योंकि इन किरणों के कारण कैंसर जैसी भयावह बीमारी, फसलों को नुकसान और समुद्री जीवों को खतरा पैदा हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना हैं कि ओजोन परत के बिना धरती पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। संतुलन बिगड़ता है, सर्दियों की तुलना में अधिक गर्मी होती है, सर्दियां अनियमित रूप से आती हैं और ग्लेशियर पिघलने शुरू हो जाते हैं। विभिन्न कारणों से ओजोन परत में छेद होने से पर्यावरण संकट उत्पन्न हो गया मगर अब यह छेद बंद होने से संकट टल गया है।
पृथ्वी अनमोल है। इसी पर आकाश है, जल, अग्नि, और हवा है। इन सबके मेल से सुंदर प्रकृति है। आज हमारी पृथ्वी पर जो इतना बड़ा संकट आ खड़ा है यदि समय रहते इसका निदान-निराकरण नहीं हुआ तो हमें बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अगर हमें पृथ्वी को बचाना है तो हमें विश्व ओजोन परत दिवस पर संकल्प लेना चाहिए कि हम पृथ्वी और उसके वातावरण को बचाने का प्रयास करेंगे। धरती को प्रदूषित होने से बचाएंगे। बिजली कि बचत करेंगे और वातावरण को शुद्ध बनाने के हर कार्य को जिम्मेदारी से निभाएंगे ताकि हमारी पृथ्वी और आकाश को हरदृष्टि से सुरक्षित और संरक्षित रखा जा सके।