कैट ने केन्द्र सरकार से चीनी उत्पादों पर कोविड उपकर लगाने की मांग की 

दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज कहा कि सरकार के राजस्व को बढ़ावा देने और सरकार के खाली खजाने को भरने के लिए, जो वर्तमान लॉक डाउन के कारण आर्थिक गतिविधि न होने से बेहद प्रभावित है, को भरने एवं स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए चीनी उत्पाद जो चीन से भारत में आयात हो रहे हैं पर एक कोविड उपकर लगाए जाने की मांग की। कैट ने कहा की इस उपकर से प्राप्त राजस्व का उपयोग पूरी तरह से भारतीय व्यापारियों के उत्थान और व्यापार विकास के लिए किया जाना चाहिए जो लॉक डाउन के कारण बेहद ही संकटग्रस्त स्थिति में हैं और व्यापार को केंद्र और सभी राज्य सरकारों के मजबूत समर्थन की बेहद आवश्यकता है।


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह सही समय है जब सरकार अपने राजस्व को बढ़ावा देने के तरीके और साधन ढूंढ रही है और साथ ही घरेलू छोटे व्यापार एवं उद्योगों को समर्थन देने के प्रयास कर रही है ऐसे में आय के वो साधन जुटाना बेहद आवश्यक है जिसका बोझ भारत के लोगों पर न पड़े तथा दूसरी ओर भविष्य के व्यापार को देखते हुए भारतीय रिटेल बाज़ार पर चीनी उत्पादों की निर्भरता को कम किया जा सके! उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद अब दुनिया पूरी तरह से व्यापार में नए प्रतिमान तलाश रही है और ऐसे में अब भारत के लिए वैश्विक उद्योगों , व्यापारियों और उपभोक्ताओं की मानसिकता में इस विवर्तनिक परिवर्तन का लाभ उठा कर भारत को चीन के स्थान पर एक वैकल्पिक देश बनाने का सबसे अच्छा अवसर है ! भारत को दुनिया भर से निवेश आकर्षित करने और दुनिया को बताने के लिए की भारत चीन के विनिर्माण कौशल का एक वास्तविक विकल्प हो सकता है, के लिए चीनी उत्पादों पर से भारतीय व्यापारियों एवं उद्योगों की निर्भरता को कम करना बेहद जरूरी है और इसके लिए चीनी उत्पादों के आयत पर कोविड उपकर लगाया जाना चाहिए !


कैट ने कहा कि चीन से अनावश्यक आयात पर अंकुश लगाने की सख्त आवश्यकता है  जिससे भारतीय घरेलू बाजारों को कम लागत और कम गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके ! यदि सरकार इस मौजूदा स्थिति से लाभ नहीं उठाएगी, तो भविष्य में घरेलू व्यापार और उद्योग का चीनी उत्पादों से निर्भरता कम करना दुष्कर होगा। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय निर्माताओं के पास न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन करने की विश्व स्तरीय क्षमता और मानसिकता है। विभिन्न क्षेत्रों जैसे खिलौने, मोबाइल फोन, वस्त्र, फर्नीचर, घरेलू उपकरण, कृषि मशीनरी, fmcs उत्पाद, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, त्योहार का सामान, बिल्डर हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, घड़ियां, उपहार सामग्री , जूते, रेडीमेड वस्त्र, कपड़ा और कपड़े आदि उत्पादित करने में भारतीय बाज़ार पूरी तरह सक्षम है किन्तु इस पहल के लिए सरकार से उचित समर्थन एवं नीतियां मिलना इस सेक्टर के लिए अन्य जरूरी आवश्यकता है ! चीनी उत्पादों की कम कीमत उपभोक्ताओं को आकर्षित करती है और इसलिए  व्यापारियों को चीन से आयात करने पर मजबूर होना पड़ता है !  वास्तव में भारतीय व्यापारी भारतीय निर्मित उत्पादों को बेचने के लिए बहुत अधिक खुश है यदि स्वदेशी सामान उचित कीमत पर उपलब्ध हों ! 


उन्होंने कहा कि भारतीय व्यापारी कोविड महामारी के कारण अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं और अब तक सरकार ने सात करोड़ भारतीय व्यापारियों के मनोबल और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए किसी राहत उपाय की घोषणा नहीं की है। भारतीय व्यापारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और यह वह समय है जब सरकार 7  करोड़ भारतीय व्यापारी जो लगभग 40 करोड़ लोगों  को रोजगार मुहैया कराते हैं के व्यापार को  और  बढ़ावा देने के लिए सरकार का राहत पैकेज और समर्थन वाली नीतियों की घोषणा अविलम्ब करे !