मनजिंदर सिंह सिरसा ने धार्मिक संस्थाओं से गरीब व कमज़ोर वर्ग के लिए आगे आने की अपील किया

नई दिल्ली।दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने देश की धार्मिक संस्थाओं व संस्थानों को निमंत्रण दिया है कि वह दबे-कुचले व गरीब वर्ग की मदद में आगे आयें व कोरोना के इस संकट के समय में उनकी मदद करें।
यहां जारी किए एक बयान में सरदार  सिरसा ने कहा कि उन्हें मीडिया रिर्पोटों से पता चला है कि दक्षिणी भारत में कई धार्मिक संस्थाओं के पास सोने के बड़े भंडार पड़े हैं व नगद पैसा भी बड़ी गिनती में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यह उचित समय है कि यह सोना व नगदी गरीबों की मदद के लिए इस्तेमाल की जाये।
उन्होंने कहा कि आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्ग को आज दो वक्त की रोटी, दवाईयां, नौकरी व बच्चों की फीस जमा करने में भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यही समय है कि धार्मिक संस्थायें व संस्थान इन लोगों की मदद के लिए आगे आयें तांकि यह वर्ग इस संकट का सामना कर सके। यह संस्थायें कई तरीके से मदद कर सकती हैं और इसके लिए अपने स्रोतों को एक स्थान पर एकत्र करें या फिर जैसा इन्हें ठीक लगे, इनकी मदद कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने हमें मानवता की सेवा के लिए कहा था व हमें सिखाया था कि नाम जपो, किरत करो व वंड के छको। दुनिया भर में गुरुद्वारा साहिबान इन शिक्षाओं का पालन करते हुए मानवता की सेवा लंगर व रसद आदि के माध्यम से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी लाॅकडाउन आरंभ होने के समय से ही पूरी लगन से इस कार्य में लगी हुई है। हमनें घर लौट रहे प्रवासियों जों एक वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही थी को लंगर छकाने के उचित प्रबंध किये।
उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा करने पर दुनिया भर में अलग-अलग देश की सरकारों व लोगों ने गुरुद्वारों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यही समय है कि जब सभी धार्मिक स्थान गरीब व दबे कुचले लोगों की मदद जिस भी तरीके संभव हो सके के लिए आगे आयें। उन्होंने कहा कि गरीब वर्ग को रोटी के लिए पैसे की जरूरत है दवाईयों की जरूरत है व बच्चों की फीसें भरने के लिए पैसे की जरूरत है। धार्मिक संस्थान उनकी जरूरतें पूरी सकती हैं और बिना किसी देरी के आगे आ सकती हैं।