प्राणिमात्र की मित्र है रेडक्रॉस

(बाल मुकुन्द ओझा)


विश्व रेडक्रास दिवस प्रतिवर्ष 8 मई को मनाया जाता है। यह दिवस रेडक्रॉस के संस्थापक और शान्ति के लिए पहले नोबल पुरस्कार विजेता जीन हेनरी ड्यूनैंट के जन्म दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिवस स्वयंसेवकों द्वारा जरूरतमंद लोगों की सहायता करने और उनके अभूतपूर्व योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। 
कोरोना वायरस को हराने के लिए अनेक संगठन जुटे है इनमें रेडक्रॉस प्रमुख है। रेडक्रॉस ने नागरिकों से अपील की है की वे कोरोना जुंग में सोशल डिस्टेंसिंग और लोक डाउन की पूरी तरह पलना करें साथ ही पीड़ित मानवता के सहायता के लिए मुक्त हस्त से सहयोग करें ताकि मिलजुलकर इस महामारी को परास्त किया जा सके।  रेडक्रॉस के  बारे में कहा जाता है दुनिया में जहां कहीं मौत का तांडव होता है वहां जिंदगी बचाने के लिए रेडक्रॉस के लोग पहुंचते हैं। संसार में रेडक्रॉस से बड़ा और सेवा भावी संगठन दूसरा नहीं है जो हर समय पीड़ित मानवता की सेवा में तत्पर रहता हो। पीड़ित मानवों की सेवा के प्रेरणा स्त्रोत उनके उद्देश्य, सिद्धांत को आज विश्व के 200 देश समर्पित भाव से पालन कर रहे हैं। रेडक्रास एक गैर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1863 में हुई थी इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में है। वर्ष 1920 में भारतीय रेडक्रास सोसाइटी का गठन हुआ था। रेड क्रॉस सोसायटी एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो युद्ध में घायल लोगों,युद्ध बंदियों,आकस्मिक दुर्घटना में धायल लोगों,आपातकाल स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं जैसे भुखमरी, बाढ़ ,तूफान ,भूकम्प में प्रभावित व पीड़ित लोगों की तत्काल तथा निस्वार्थ भाव से सेवा करती है। इस संस्था की पहचान के लिए सफेद पट्टी पर लाल रंग के क्रास चिह्न को मान्यता दी गई। आज यह चिह्न पूरे विश्व में पीड़ित मानवता की सेवा का प्रतीक बन गया है। विश्व रेडक्रॉस दिवस हमें बिना किसी भेदभाव के पीड़ित मानवता की सेवा करने की प्ररेणा देता है। रेड क्रॉस समाज हित के लिए काम करती है। रेडक्रास सोसायटी का उद्देश्य हर क्षण मानवीय गतिविधियों के सभी प्रकारों को प्रेरित,उत्साहित और क्रियान्वयन करना है। रेडक्रास कार्यक्रमों को मुख्यतः चार क्षेत्रों रेडक्रास सिद्धांतों और मानवता मूल्यों को बढ़ावा देना,आपदा तैयारियां,स्वास्थ्य और समुदाय देखभाल के रूप में किया जाता है। आपदा के समय रेड क्रॉस की भूमिका अत्यधिक सराहनीय होती है। रेडक्रॉस ने जब भी मानवता पर विपत्ति के बादल मंडराएं तब तब आगे आकर अपनी सेवा दी और लाखों लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया और करोड़ों लोगों को सहायता उपलब्ध कराई । ऐसा कोई दूसरा उदहारण विश्व में मिलना मुश्किल  है। अनेक बार रेडक्रॉस के लोग भी संकट में फंसे है मगर कभी हिम्मत नहीं हारी और सेवा कार्यों को बाधित नहीं होने दिया।  इस संस्था का मिशन मानवीय जिन्दगी व सेहत को बचाना है जिसमें वह सफल रही है।  स्वयं-सेवक रेडक्रास आंदोलन की रीढ़ की हड्डी और भावना की अभिव्यक्ति हैं।
आज की विकट परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस जैसी संस्था पूरे विश्व की जरूरत बन गई है जो आपदा के समय भरोसेमंद दोस्त की तरह मदद का हाथ बढ़ाती है.चाहे दो देशों की जंग हो, आतंकवादी हिंसा हो या फिर सूनामी और भूकंप, सफेद झंडे के बीच में लाल क्रॉस का निशान हर जगह दिखाई पड़ता है.दिनबदिन इसका दायरा बढ़ता ही जा रहा है।